इज़हार करना मुझसे, रुकना न मगर;
आन्धियाँ, तूफ़ान, सैलाब पार कर गए जब,
डरना क्या किसी से, हो गए है एक जब |
रात कटती है निंदिया बिना
जब एक पल बीतती है तुम्हारे बिना;
बस तेरे ही साथ हमेशा हो |
चंद्रमा की चांदनी और सूरज की किरने जैसी,
फूलों की खुशबू और चिड़ियों की चेहेक जैसी,
प्यार तेरा मानो जैसे कोई शराब हो,
जितनी पीयूँ उतनी ही और प्यास हो |
wah wah ...
ReplyDeletelast parah is superb dear....